शुक्रवार शाम को अचानक और उथल-पुथल भरे घटनाक्रम में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी गिरावट देखी गई, जिसके बाद शनिवार को एक और जोरदार गिरावट आई। इस गिरावट के कारण पूरे बाजार से लगभग 200 बिलियन डॉलर की भारी निकासी हुई, जिससे निवेशकों और व्यापारियों की चिंताएं बढ़ गईं। इस बाजार उथल-पुथल का खामियाजा अग्रणी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (BTC) को भुगतना पड़ा।
$70,000-$71,000 की रेंज के आसपास अपेक्षाकृत स्थिर स्थिति बनाए रखने के बाद, BTC ने $65,000 तक अचानक और तीव्र गिरावट का अनुभव किया। इस अचानक गिरावट के कारण कुल $900 मिलियन का परिसमापन हुआ, जिससे लगभग 300,000 व्यापारी प्रभावित हुए। इस गिरावट का उत्प्रेरक अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नवीनतम भाषणों से निकला प्रतीत होता है, जिसमें केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति में आसन्न परिवर्तनों का कोई संकेत नहीं दिया गया, विशेष रूप से ब्याज दर समायोजन के संबंध में।
परिणामस्वरूप, बाजार की धारणा तेजी से मंदी की ओर मुड़ गई, जिससे BTC में भारी बिकवाली हुई और उसके बाद लिक्विडेशन हुआ। थोड़े समय की रिकवरी के बावजूद, जब BTC $67,000 के आसपास कारोबार कर रहा था, क्रिप्टोकरेंसी हाल के घंटों में एक बार फिर लगभग $62,000 के बहु-सप्ताह के निचले स्तर पर गिर गई। इस तीव्र गिरावट ने पूरे बाजार में हलचल मचा दी है, और ऑल्टकॉइन को और भी अधिक नुकसान उठाना पड़ा है।
SOL, XRP, BNB, DOGE, SHIB और AVAX सहित कई वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में दोहरे अंकों में गिरावट देखी गई है। इन ऑल्टकॉइन के सामूहिक बाजार पूंजीकरण में तेज गिरावट आई है, जिससे एक ही दिन में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में लगभग 200 बिलियन डॉलर और शुक्रवार सुबह से 400 बिलियन डॉलर से अधिक की गिरावट आई है।
इसके अलावा, तीव्र अस्थिरता के कारण पिछले 24 घंटों में ही 220,000 अतिरिक्त व्यापारियों का परिसमापन हुआ है। कॉइनग्लास की रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि के दौरान परिसमाप्त पदों का कुल मूल्य $800 मिलियन है। जबकि वॉल स्ट्रीट और सोने जैसे अन्य परिसंपत्ति वर्गों ने भी बाजार में उथल-पुथल का अनुभव किया है, आज के घटनाक्रम केवल क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र तक ही सीमित हैं।
पारंपरिक बाजारों के विपरीत, क्रिप्टोकरेंसी बाजार लगातार चलता रहता है, जिसमें ट्रेडिंग गतिविधि में कोई रुकावट नहीं आती। ऐसा लगता है कि हाल ही में कीमतों में गिरावट इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण और बढ़ गई है, जिससे पहले से ही अस्थिर बाजार के माहौल में भू-राजनीतिक अनिश्चितता और बढ़ गई है। चूंकि निवेशक इन चुनौतियों से जूझ रहे हैं, इसलिए आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार की लचीलापन की कड़ी परीक्षा होगी।